Khajur(Dates) ke Fayde – खजूर के फ़ायदे
بِسمِ اللہِ الرَّحمٰنِ الرَّحِيم
” शुरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है”
खजूर (Dates) –
अल्लाह तआला ने हमें बेशुमार नेमतें से नवाज़ा है, उन नेमतों में से खजूर एक अहम् नेमत है जिसका ज़िक्र हदीसों में कसरत से आया है | नबी करीम (स०अ०) के ज़माने में कसरत से खजूर के बागात हुआ करतीं थीं | ये नबी करीम (स०अ०) की दुआओ का सिला है के उस ज़माने से आज भी अरब में कसरत से पुरे साल खजूरों की खेती होती है और कभी कमी ना आई |
इसके मुताल्लिक हदीस –
हज़रत साद बिन अबी वक्कास (रज़ी०) से मय्सर है के वह अपने वालिद गरामी से रिवायत करते हैं के नबी (स०अ०) ने फ़रमाया – जिस शख्स ने निहार मुह अज्वा खजूर के सात दाने खाए उसको उस दिन में ना तो किसी ज़हर से और ना किसी जादू से नुक्सान पहुंचेगा | (मुस्लिम ,अबू दाऊद)
उपर के हदीस में मसनदे अहमद ने इजाफा किया है के – और अगर उसने ये खजूरें शाम को खाई तो किसी चीज़ से सुबह तक कोई नुक्सान नहीं होगा |
खजूर के फायदे –
(1) खजूर में ज्यादा मिकदार में पोटाशियम होता है जो के बदन की कमज़ोरी में बहुत फायदेमंद है | रोज़ाना एक खजूर का दूध के साथ खाना बदन की कमज़ोरी को दूर करता है |
(2) जिस्म में कई तरह के ज़हर(chemicals) जमा हो जाते हैं, जो के खजूर खाने से उसका असर जाता रहता है |
(3) खजूर दिल को ताक़त देती है और अगर खून की नली में कोई रुकावट या खून की नली जाम हो तो खजूर के खाने से रुकावट दूर होती है और खून को पुरे जिस्म में बा-आसानी पहंच जाता है |
(4) ख़वातीन के लिए खजूर उस वक़्त बहुत ज्यादा मुफीद है जब वो हमल में होती है या बच्चे की पैदाइश होती है, तुरंत ताक़त व कुव्वत हासिल होती है |कुरआन मजीद में भी ज़िक्र आया के हज़रत इसा (अ०स०) की पैदाइश के वक़्त उनकी वालिदा मोहतरमा को अल्लाह तआला ने खजूर खाने की हिदायत की थी |
(5) जिस्म में खून की कमी हो तो खजूर खाना चाहिए क्यूंकि खजूर खून पैदा करती है |
(6) अगर सुखी ख़ासी हो या कोई दम्मे का मरीज़ हो तो खजूर ज़रूर इस्तमाल करनी चाहिए ये दम्मे के मरीज़ के लिए बहुत मुफीद है |
(7) एक हदीस में नबी करीम (स०अ०) का इरशाद है के खजूर को नाश्ते में खाओ ताके तुम्हारे अंदरूनी जरासीम का खात्मा हो जाये |
(8) कब्ज़ के मरीज़ के लिए क़ुदरती इलाज ये है के वह अपने रोजाना के इस्तमाल में खजूर लाए, इंशाअल्लाह कब्ज़ से राहत मिलेगा |
(9) पेट के हर मसाइल के लिए खज़ूर एक वाहिद इलाज है इंशाअल्लाह
(10) खजूर रोज़ाना खाने से हड्डियाँ भी मज़बूत रहतीं हैं और बुढ़ापे में चलने फ़िरने में आसानी होती है |
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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