ibadat ke Fayde aur Gunaah ke Nuksanaat
इबादत करने से दुनिया में क्या फ़ायदे हासिल होते हैं और गुनाह करने से दुनिया में क्या क्या नुक्सनात हैं
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “
ईबादत और गुनाह –
अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने इंसान और जिन्नात को सिर्फ अपनी इबादत के लिए पैदा किया है | अगर इंसान अल्लाह के हुक्मों और नबी पाक (स०अ०) की सुन्नतों पर अमल करता है तो दुनिया में फायदे ही फायदे हैं और मरने के बाद भी हमेशा – हमेश के लिए सुकून व आराम हैं और अगर नाफ़रमानी करता है तो दुनिया में भी नुक्सान है और आखिरत में सख्त अज़ाब का मुश्ताहिक होगा |
इबादत करने से दुनिया के चंद फ़ायदे –
हदीस की रौशनी में इबादत के दुनिया के फायदे
(1) रोज़ी का बढ़ना और तरह तरह की बरकत का होना
(2) तकलीफ और परेशानियों दूर हो जाती है
(3) मुरादों का पूरा होने में आसानी होती है
(4) ज़िन्दगी जीने में एक तरह का लुत्फ़ आता है
(5) बारिश का होना
(6) हर किस्म की बला का टल जाना
(7) अल्लाह तआला का मेहरबान और मददगार रहना
(8) सच्ची इज्ज़त और आबरू का मिलना
(9) मर्तबे बुलंद होते हैं
(10) सबके दिलों में उसकी मुहब्बत पैदा हो जाती है
(11) कुरान मजीद का उसके हक़ में सिफ़ा होना
(12) अगर माल -दौलत में नुक्सान हो जाए तो उसका अच्छा बदला हासिल होता है
(13) दिन ब दिन नेमतों में तरक्की होना
(14) माल बढ़ना
(15) दिल में राहत और तसल्ली होना
(16) आगे की नसल में तरक्की होना
(17) ज़िन्दगी में गैबी बशारत नसीब होना
(18) उम्र में बरकत होना
(19) गरीबी और फाके से बचे रहना
(20) थोडी चीज में ज्यादा बरकत होना
(21) अल्लाह तआला का गुस्सा जाता रहना
गुनाहों को करने से दुनिया में चंद नुकसनात –
अल्लाह की नाफ़र्मिनी से दुनिया में नुक्सनात
(1) इल्म से महरूम होता है
(2) रोज़ी में कमी होना
(3) अल्लाह तआला की याद से वेहशत
(4) लोगों से भी वेहशत
(5) दिल की सफाई न रहना
(6) दिल में और कभी – कभी तमाम बदन में कमजोरी
(7) फरमाबरदारी से महरूम रहना
(8) उमर में कमी यानी उम्र घट जाना
(9) तौबा की तौफीक न होना
(10) दिलों का सियाह होना यानी खैर की बातों का दिल पर कोई असर न होना
(11) अल्लाह तआला के सामने जलील होना
(12) अक़ल की ख़राबी पैदा होना
(13) अल्लाह के रसूल (स०अ०) की तरफ से उसपर लानत होना
(14) फरिश्तों की दुआ से महरूम होना
(15) पैदावार में कमी होना
(16) शर्म व गैरत का जाता रहना
(17) अल्लाह तआला की बड़ाई उसके दिल से निकल जाना
(18) नेमतों का छीन जाना
(19) शैतान उसपर मुक़र्रर होना
(20) हमेशा दिल का परेशान रहना
(21) मरते वक़्त मुह से कालिमा का न निकलना
(22) अल्लाह की रहमत से मायूस होना और इस वजह से तौबा के बगैर मर जाना
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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दुआ की गुज़ारिश
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