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Showing posts from November, 2020

3 Shakhson ka Imtahaan - 3 शख्सों का इम्तहान

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “   एक सच्ची कहानी – इम्तहान बहुत पुराने ज़माने की बात है के बनी इस्राईल कौम के तीन आदमी थे,एक कोढ़ी,दूसरा गंजा और तीसरा अंधा| वह तीनो बहुत गरीब और कंगाल थे, अल्लाह तआला ने उन तीनो का इम्तहान लेना चाहा, और फिर  एक फ़रिश्ता भेजा –    फ़रिश्ते का कोढ़ी के पास आना – वह फ़रिश्ता पहले कोढ़ी के पास पंहुचा और इससे दरयाफ्त किया के तुझे क्या चीज़ प्यारी है ? कोढ़ी ने जवाब दिया – मेरा जिस्म खुबसूरत बन जाये और मेरा कोढ़पन भी दूर हो जाये क्युके इसके सबब सब मुझेसे घिन करते हैं| फ़रिश्ते ने अपना नुरानी हाथ कोढ़ी के बदन पर फेरा जिससे उसका कोढ़पन जाता रहा और बदन की खाल नरम और चिकनी हो गई,फिर फ़रिश्ते ने पूछा के तुम्हे कोनसा माल पसंद है, उस शख्स ने कहा ऊंट,फ़रिश्ते ने 10 माह की हमला ऊंटनी उसके सुपुर्द किया और बरकत की दुआ दी और वहां से रवाना हुआ|   फ़रिश्ते का गंजे के पास आना – अब फ़रिश्ता गंजे के पास आया और पुछा तुझे कोंसी चीज़ ज्यादा प्यारी है,उसने कहाँ के मेरे जिस्म खु...

Huzur SAW ka khandan - हुजुर स०अ० का कबीला

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “   आप का कबीला – आप (स०अ०) क़ुरैश खानदान में पैदा हुए,क़ुरैश एक अरबी लफ्ज़ है, जिसका मतलब समंदर के एक मछली के है जो के दुसरे समंदर की जानवरों से ज़ोर और ताक़त में बढ़ कर होती है|   मुल्के अरब में क़ुरैश का खानदान बड़ी क़दर की निगाह से देखा जाता था बलके दुसरे मुल्को के लोग भी क़ुरैश की इज्ज़त करते थे|जिस ज़माने में हमारे नबी जनाबे मुस्तफा (स०अ०) मक्का में तशरीफ़ लाये,उस वक़्त क़ुरैश का कबीला एक बहुत बड़ा घराना बन चूका था|   कुरैशी की चंद कबीलों के नाम – (1) बनी हाशिम (2) बनी तयीम (3) बनी मख्जूम (4) बनी सहम (5) बनी ज़ुहरह (6) बनी अदि , वगैरह   बनी हाशिम – सारे अरब में क़ुरैश का घराना बड़ी शान व शौकत का था और क़ुरैश कबीला में सबसे अफज़ल कबीला बनी हाशिम का था,यही घराना और कबीला आप (स०अ०) का था |आप के दादा अबू मुताल्लिब हाशिम काबिले के बहुत इज्ज़तदार शख्स थे, उनके तमाम बेटों में सबसे ज्यादा हुस्न व जमाल वाले आप (स०अ०)  के वालिद जनाब अब्दुल्लाह थे, जो आप के पैदाइश के चंद मही...

Huzur SAW ki Paidaish ka Qissa - हुजुर स०अ० की पैदाइश

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “ नबी करीम (स०अ०) की पैदाइश – हमारे प्यारे नबी (स०अ०) तकरीबन साढ़े चौदा साल पहले मक्का मोअज्ज़मा में पैदा हुए , रब्बी उल अव्वल की 9 तारिख थी,पीर (Monday) का दिन था और सुबह सादिक का वक़्त था |आप (स०अ०) के वालिद का नाम अब्दुल्लाह था, और वालिदा का नाम आमिना , दादा का नाम अब्दुल मुताल्लिब था|आप का खानदान हाश्मी कहलाता था,और आप की बरादरी को क़ुरैश  कहा जाता था| आप (स०अ०) यतीम पैदा हुए थे,क्युकि पैदाइश के कुछ दिनों पहले आप के वालिद शाहब की वफात हो चुकि थी,मक्का में क़हत था,बीमारी फैली हुई थी,आप के पैदा होते ही बारिश हुई और बीमारी जाती रही|आप (स०अ०) के कोई भाई बहन न थे, अलबत्ता दूध शरीक भाई  बहन थे| आप (स०अ०)  के दादा ने आप का नाम ” मुहम्मद ” रखा और वालिदा मुह्तारम ने आप का नाम अहमद रखा,ये दोनों नाम बहुत अलग और प्यारे थे| आपका जब भी नाम ” मुहम्मद “ लिया जाये तो चाहिए के आप पर दरूद भेजे और ” सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ”  ज़रूर पढना चाहिए|   आप (स०...

40 hadees in Hindi - 40 हदीसें हिंदी में

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “   40 हदीसें –  सलमान (रजी०) कहते हैं कि मैंने हुज़ूर अकदस (स० अ०) से पूछा कि वह 40 हदीसें,जिन के बारे में यह कहा है कि  इसको याद कर ले,जन्नत में दाखिल होगा,वह क्या है? हुज़ूर अकरम (स ०अ०) ने इरशाद फरमाया –   1. अल्लाह पर ईमान लवे,यानी उसकी ज़ात व सिफात पर 2. और अखिरत के दिन पर 3. और फरिश्तों के वजूद पर 4. और पहली किताबों पर 5. और तमाम अंबिया पर 6. और मरने के बाद दोबारा ज़िन्दगी पर 7. और तकदीर पर की भला और बुरा जो कुछ होता है,सब अल्लाह ही की तरफ से है। 8. और गवाही दे,तू इस आम्र की,की अल्लाह के सिवा कोई माबुद नहीं और हुज़ूर (स०अ०) उसके सच्चे रसूल हैं। 9. हर नमाज़ के वक़्त कामिल वज़ू कर के नमाज़ कायम करे (कामिल वज़ू वह कहलाती है जिस में आदाब व मस्तहिबात की रियायत रखी गई हो)हर नमाज़ के वक़्त इशारा है इस बात की तरफ की नई वज़ू हर नमाज़ के लिए करे,अगरचे पहले से वज़ू हो यह मुस्तहब है।और नमाज़ के कायम करने से इसके तमाम सुनने और मुस्तहिबात का अहतमाम करना मुराद...

Hajj ke Faraiz aur Masail - हज का तरीका

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بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “   हज के मसाइल और फ़ज़ीलत –  हज इस्लाम का 5वा रुक्न (pillers of Islam) है | हज इस्लाम में एक अहम् तरीन फर्जों में से एक है,हज इस्लामिक महीना जिलहिज्जा में हर  ममालिक से लोग मक्का पहुचते हैं और हज के अरकान अदा करते हैं, हज सारी ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार फ़र्ज़ है | कुराने करीम में अल्लाह का इरशाद – “ लोगों पर अल्लाह का हक़ है के जो उस के घर तक पहुचने की इसतताअत रखता हो वो उसके घर का हज करेऔर जो शख्स उसके हुक्म की पैरवी से इनकार करे उसे मालूम होना चाहिए के अल्लाह तआला  तमाम दुनिया वालों से बेनियाज़ है ” (Surah Al – Imran)   हज के मुताल्लिक हदीस –  हज़रत अबू हुरैरह (रज़ी०) कहते हैं मैं ने नबी अकरम (स०अ०) को ये फरमाते हुए सुना है – “ जिस ने अल्लाह  तआला की  रज़ा के लिए हज किया और इस दौरान कोई बेहूदा बात या कोई गुनाह ना किया,वो हज करके उस दिन की तरह (गुनाहों से पाक) लौटेगा जिस तरह उसकी माँ ने जना था ” (बुखारी) “ हज़रत उमरू बिन आस (रज़ी०) कहते हैं के मैं...

Ramzan ki Fazilat - रोज़े का बयान

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بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “   रोज़े का बयान –  रोज़ा इस्लाम का दूसरा अहम् रुक्न (Pillers of Islam) है| रमजान का महीना क़मरी महीने (Hijri Calendar ) का 9वा महीना है,क़ुरान व हदीस में इस महीने की बड़ी फ़ज़ीलत व सवाब आया है|प्यारे नबी (स०अ०) ने फ़रमाया की जिस ने रमज़ान के रोज़े सिर्फ अल्लाह तआला के वास्ते सवाब समझ कर राखे तो उसके सब अगले पिछले गुनाह बख्श दिए जायेंगे,बिला उज्र  रोज़े ना रखने वाला शक्त गुनाहगार होगा रिवायत है के रोजेदारों के वासते क़यामत के दिन अर्श के तले दस्तरख्वान चुना जायेगा|वो लोग उस पर बैठ कर खाना खायेंगे और सब लोग अभी हिसाब में फसे होंगे,इस पर वो लोग कहेंगे की ये लोग कैसे हैं की खाना खा- पी रहे हैंऔर हम अभी हिसाब में ही फसे हैं|उनको जवाब मिलेगा की ये लोग रोज़ा रखा करते थेऔर तुम लोग रोज़ा नही रखते थे|  रोज़ा किस पर फ़र्ज़ है –  रमज़ान शरीफ़ के रोज़े हर बालिग़ मुसलमान मर्द,औरत  पर  फ़र्ज़ है ,सिवाए  पागल  और नाबालिग़ और मुसाफिर या कोई बीमार हो या हैज़ वाली औरत |बीमार  को चाहिए के वो जब वो सेहतया...

Namaz ka Tariqa Hindi - नमाज़ का सही तरीका

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بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “   नमाज़ इस्लाम का दूसरा अहम रुक्न (pillers of islam)   है। “हर बालिग मर्द हो या औरत दिन रात में पांच नमाजों का अपने वक़्त पर  पढ़ना फ़र्ज़ है”   इस्लाम में नमाज़ पढ़ने के कुछ शर्ते हैं – जिसके बिना नमाज़ नहीं होगी   बाहिरी एतेबार से नमाज़ के  कुल 7  शर्तें हैं –   (1) बदन का पाक होना – नापाक हो तो गुस्ल करना चाहिए,नापाकी  के हालत में रहना गुनाह है और नमाज़ भी नही होगी।   (2) कपड़े का पाक होना –   कपडे पर किसी तरह की गंदगी या पेशाब के छीटे हो तो नमाज़ नही होती|   (3)   जगह का पाक होना – जहां नमाज़ पढ़ी जाए वहां की जगह पाक होनी जरूरी है।गीली जगह या कोई गंदगी लगी हो वहां पढ़ना सही नहीं।   (4 ) वक़्त का होना –   किसी भी नमाज़ को अपने मुकर्रर वक़्त पर ही पढ़ना चाहिए ,किसी और वक़्त की नमाज़ कज़ा करके दुसरे वक़्त पढ़ना  या नमाज़ में देरी करना गुनाह है|   (5) क़िब्ला का मालूम होना – यानी काबे के तरह (पश्चिम की तरफ)   (6) नमाज़ की नीयत क...

Masnoon Duain in hindi - मसनून दुआएं

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    Masnoon Duain  (Part – 1)   अल्लाह का कितना अहसान व करम है के अल्लाह ने हमें मुसलमान बनाया,और एक हक़ और सच की पैरवी करने वाला बनाया, हम सुबह से शाम तक अपने रोजाना के काम करते हैं,कितना अच्छा हो के हम अपने रोजाना के कोई भी काम को अल्लाह के ज़िक्र के साथ करें तो इससे हर काम में बरकत होगी और साथ ही हमारे नामे अमाल में नेकी बढ़ जाएगी | लिहाज़ा हर  चीज़ की हमारे नबी करीम (स०अ०) ने दुआ बताई  है,इंशाल्लाह नीचे रोजाना के पढने वाली दुआएं (Part – 1 ) पेश की जा रही हैं,इसे याद कर लें और अपने रोजाना के मामूर में शामिल करें |   मसनून दुआएं 1   खाने के पहले की दुआ بِسْمِ اللّٰہِ وَعَلٰی بَرَكَةِ اللّٰہِ बिस्मिल्लाह ही वाला बरकतिल्ला अल्लाह के नाम से शुरू करता हु जो बड़ा बरकत वाला है 2  खाने से  पहले दुआ कहना भूल जाएं  بسم الله.  أوله وآخره बिस्मिल्लाह ही अव्वल हु वल अखिरह शुरू अल्लाह के नाम से जो अव्वल भी है और आखिर भी 3  खाने के बाद की दुआ الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَطْعَمَنَا وَسَقَانَا وَجَعَلَنَا مِنَ الْمُسْلِمِينَ अल्हुम्दु लील लाहिल लज़ी अत अमना व सकाना व जअल्ना ...

Islamic Quotes in hindi - इस्लामिक किमती बातें हिंदी में

हमारे प्यारे नबी करीम (स०अ०) के एक हदीस का मफुम है के आप (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया- इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द औरत पर फ़र्ज़ है,इल्म हासिल करो चाहे मुल्के चीन ही क्यों ना जानी पड़े,इसका खुलासा ये है के रोजाना के कुछ हदीस या कुरान मजीद को पढ़ना या सीखना ज़रूरी और फ़र्ज़ है| इसी मकसद के तकमील के लिए (Islamic Quotes ) में चंद क़ीमती बातें  (Part – 1)   में हदीस और कुरान की रौशनी में हैं,पेश की जा रही हैं, लिहाज़ा इस क़ीमती बातों को पढ़े और याद  करें,क्युकि इर्शदे नबवी (स०अ०) है के जो 40 हदीसें याद कर लेता है तो वह जन्नत में दाखिल होगा |   IslamicQuotes (Part – 1)   1. जो शख्स चोरी का माल ख़रीदे और उसे मालूम हो के वह चोरी का है तो वह उसकी बुराई और गुनाह में शरीक है | 2. नबी करीम (स०अ०) फरमाते हैं के मेरे बाद मुझे तुम लोगों के बारे में जिस चीज़ का सबसे ज्यादा डर है वह दुनिया का बनाओ सिंगार है,जो तुम पर खोल दिया जायेगा| 3. यह बहुत ही बड़ी खयानत है के तुम अपने भाई से कोई झूठी बात बयान करो,और वह तुम को उस बात में सच्चा समझता हो| 4. जो शख्स लोगों का शुक्र अदा न करे,वह अल्लाह का भी श...

Muslims Names with Meaning - मुस्लिम नाम हिंदी में

A   B   C   D   E   F   G   H   I   J    K   L   M   N   O   P   Q   R   S   T   U   V   W   X   Y   Z   Alphabet  A (BOYS )   Edit Boys Name   हिंदी / उर्दू  मतलब  English Meaning Aaban फ़रिश्ते का नाम   Name of Angle Aabid/Abid  इबादत करने वाला    Workshiper  Aabaad गुलाम ,बंदा    Slave  Aabaaz /Arbaz पानी में तैरने वाला  One who can Float,Swimmer  Aadil/adil  इंसाफ करनेवाला, न्यायी  One who acts with justice Aalam  दुनिया जहान     World Aalee  ऊँचा,  High  Aalim    चालाक ,इल्म हासिल किया हुआ  Man of Learning,Wise Aamil   मज़दूर         Workman  Aamir   आबाद करने वाला      Civilised Aaqib  मानने वाला  Following  Aaqil   अकल्मन्द      Inteligent  Aarif  होशियार,जानने वाला    Knowing,Aware  Aariz  इज़्ज़तदार आदमी Respectable man Aaryan  ज्यादा ताक़तवर/शक्तिशाली  Of Utmost Strength Aashif क़ाबिल आदमी/साहसी  Bold, Courageous  Aashir शाकिर,शुक्र अदा करने वाला    Living,Wealthy  Aasif  हिम्मत वाला Bold,Courageous...