Posts

Showing posts from October, 2020

Islamic Quiz Part 2 - इस्लामिक क्विज़ सवाल ज़वाब

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “   Islamic Quiz Part – 2 -इस्लामिक क्विज़ सवाल ज़वाब    इस्लामिक क्वीज पार्ट  – 2 में हजरत नूह (अ० स०) के बारे में सवाल जवाब है −   सवाल – नूह अलैहिस्सलाम का असल नाम क्या है? जवाब – बशकर सवाल – नूह के मानी क्या है? जवाब – लंबी उमर पाने वाला,रंजीदा रहने वाला सवाल – हजरत आदम अलैहिस्सलाम के कितने साल बाद बुत परस्ती शुरू हुई? जवाब – तकरीबन 1000 साल बाद सवाल – हजरत नूह अलैहिस्सलाम के परदादा का नाम क्या है? जवाब – हजरत इदरीस अलैहिस्सलाम सवाल – हजरत नूह अलैहिस्सलाम ने उम्र कितनी पाई? जवाब – 950 साल सवाल – हज़रत नूह अलैहिस्सलाम मुसलसल कितने अरसे तक तबलीग करते रहे। जवाब – तकरीबन 950 साल तक सवाल – हजरत नूह अलैहिस्सलाम ने कितनी बार काफिरों के लिए बददुआ की? जवाब – कुल 3 बार बददुआ की सवाल – हजरत नूह अलैहिस्सलाम पर कितने लोगों ने ईमान लाया? जवाब – तकरीबन 80 लोगों ने सवाल ...

Ek Jinn ki Wafadari - एक जिन्न की वफ़ादारी का वाक़िया

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “ एक सच्चा वाकिया – शहरे मक्क़ा में वलीद नाम का एक काफिर रहता था ,उसके पास सोने का एक बूत (मूर्ति) था, उसको अपना देवता  मानता था और उसकी पूजा करता था, एक दिन उस बूत में हरक़त पैदा हुई और वह बोलने लगा,वलीद उसके तरफ मुतवाज़ह हुआ   वह बूत कह रहा था –  ऐ लोगों,मुहम्मद (स ० अ ०) अल्लाह के रसूल नहीं हैं,उनकी बात हरगिज़ न मानना,वलिद बहुत खुश हुआ और  घर से निकल कर अपने दोस्तों से मिला और कहने लगा,मुबारक हो आज हमारा देवता बोला है और साफ़ साफ़  उस ने कहा है के मुहम्मद (स ० अ०) अल्लाह के  रसूल नहीं हैं, ये सुन कर बहुत से लोग वलीद के घर आये तो उन लोगों ने भी देखा के नबी करीम (स ० अ०)  खिलाफ वही बोली बोल रहा है, सब काफिर इस नए वाक़िये से बहुत खुश हुए  वलिद ने एलान कराया और दूसरे दिन बहुत बड़ा मज़मा जमा हुआ। काफिरों ने नबी क़रीम (स ० अ०) को  ख़बर भेजी के आप आकर हमारे देवता का बयान सुन लें,चुनांचे नबी करीम (स ० अ०) तशरीफ़ ले गए जब आप (स ० अ०)  पहुंचे तो बूत इस तरह बोलने लगा – ” ...

Baitul Khala ki Sunnat tarika - बैतूल ख़ला की दुआ

Image
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “   बैतूल खला का सही तरीका – बैतूल ख़ला (Toilet) की सुन्नत तरीक़ा और दुआ, जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है। इसलिए के एक तो हमारे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है, और दूसरी सुन्नत तरिकों में बहुत ख़ैर और भलाई है। एक रिवायत में  है के अगर बैतूल ख़ला में बिना दुआ पढ़े जाते हैं तो ख़बीस जिन्न और शयातीन,  इंसान मर्द  और औरत के शर्मगाह से खेलते हैं,यानी मर्द ख़बीस इंसानी औरतों से ज़िना करते हैं और औरत ख़बीस मर्द के शर्मगाह से खेलती है।अल्लाह इससे हम सबकी हिफाज़त फरमाए।   बैतूल ख़ला की सुन्नतें  –   (1) सर ढक कर जाना – नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का ममुर था के जब भी बैतूल ख़ला जाते तो आप टोपी पहन कर जाते, औरतों को खास कर सर ढकना ज़रूरी है, क्युकि अक्सर औरतें घर पर बिना सर पर ओढ़नी रखे रहतीं हैं,और इसी हालत में बैतूल ख़ला भी जाती हैं,इससे परहेज़ करें।   (2) जूता चप्पल पहन कर जाना – जूता चप्पल पहन कर जाने से बहुत से जरासीम (Bacteri...

Asad Iqbal Famous Naat - असद इक़बाल फेमस नात

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “   Asad Iqbal Famous Naat – असद इक़बाल फेमस नात   असद इक़बाल  कौन हैं – असद इक़बाल एक फेमस नातखाव हैं,उनकी ख़ूबसूरत आवाज़ और नात पढने की वजह से लोगों में उनकी शोहरत काफी है असद इक़बाल के फेमस नातों  में से 2 नात (Lyrics)  पेशे खिदमत है    (1 ) नाते मुस्तफा सुन कर रूह जब मचलती है (lyrics ) – हिंदी  नाते मुस्तफा सुन  कर रूह जब मचलती है  आशिक़ों के चेहरे से चांदनी निकलती है    नाते मुस्तफा सुन  कर रूह जब मचलती है    उनके सदके खाते हैं उनके सदके पीते हैं  मुस्तफा की चौखट से क़ायनात पलती है    नाते मुस्तफा सुन  कर रूह जब मचलती है    थाम कर शहे दीं की रहमतों की ऊँगली को  जन्नते मुहब्बत में ज़िन्दगी टहलती है    नाते मुस्तफा सुन  कर रूह जब मचलती है    काश वो नज़र आते ख्वाब के दरीचे से मेरी दीदा ए हसरत पहेरो आँख मिलती है    नाते मुस्तफा सुन  कर रूह जब मचलती है  आशिक़ों के चेहरे से चांदनी निकलती है    लफ़्ज़े कुन के जलवे में मुस्त...

99 Names of Allah hindi -99 नाम अल्लाह तर्जुमा के साथ

Image
    अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त के नाम की फ़ज़ीलत – अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त के 99 मशहूर नाम हैं,जो हम सब जानते हैं और पढ़ते हैं,लेकिन  उलमा ए  दीन  कहते हैं के, अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त के तीन हज़ार नाम हैं,एक हज़ार का इल्म सिर्फ अल्लाह को ही है और एक हज़ार,जो फ़रिश्ते जानते हैं,और आखरी के एक हज़ार पैगम्बरों से हम तक आया है, क़ुराने  करीम  और हदीसों से हम  कुल 100 नाम जानते हैं, अल्लाह के नाम के मुताल्लिक हदीसें – एक हदीस का मफूम है के नबी करीम (स० अ०) ने इरशाद फ़रमाया के अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त के ” अस्मा ए  हुस्ना ” जिसके 99 नाम हैं,जो शख्स इन नामों को याद कर लेगा और पढता रहेगा वो जन्नत में दाखिल होगा (बुखारी ) एक  और हदीस का मफूम है के हज़रात अबू हुरैरह (रज़ि ०) नबी करीम (स० अ०) से इरशाद फरमाते हुए सुना के अल्लाह के 99 नाम हैं और जो इसको याद करता है वो  जन्नत में जायेगा बेशक अल्लाह ताक़ (odd ) है, और वो ताक(odd ) को पसंद करता है (सहीह  मुस्लिम )   अल्लाह के 99  नाम –   S.NO نام ट्रांसलेशन हिंदी (अर्थ )  ENGLISH (Meaning) 1 ٱلْرَّحْمَـانُ अर -रहमान  बहुत रहम (दया) करने वाला...