Nakhun Katne ka sunnat tarika - नाख़ून तराशने का तारिका
بِسمِ اللہِ الرَّحمٰنِ الرَّحِيم
” शुरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “
नाख़ून काटने/ तराशना –
मुस्लिम शरीफ़ की हदीस है के – पाकी/सफ़ाई आधा ईमान है | ज़ाहिरी एतबार से नाख़ून का काटना भी पाकी में शामिल है | अगर 40 दिन से पहले तक नाख़ून न तराशे गए तो गुनाहगार होगा |
इसके मुताल्लिक हदीस –
हज़रत सय्यदना अनस (रज़ी०) फरमाते हैं – मुछों और नाख़ून तराशने और बगल के बाल उखाड़ने और मोये ज़ैरे नाफ़ मुड़ने में हमारे लिए वक़्त मुक़र्रर किया गया है के 40 दिन से ज्यादा न छोड़े (सही मुस्लिम)
नाख़ून काटने का सुन्नती तरीका –
नाख़ून काटने का सही तरीका ये के –
(1) पहले दाहिने(right) हाथ से शुरू करना चाहिए –
दाहिने हाथ की शहादत की उंगली से शुरू करते हुए, छोटी उंगली तक काटें (सिवाए अंगूठे के )
(2) बाया (left) हाथ के नाख़ून –
दाहिने हाथ के नाख़ून काटने के बाद, बाये हाथ के सबसे छोटी उंगली के नाख़ून काटते हुए हाथ के अंगूठे के नाख़ून काट लें |
फिर आखिर में दाहिने हाथ के अंगूठे के नाख़ून तराश लें |
(3) पैर के नाख़ून काटने का तरीक़ा –
दाहिने पांव के छोटी उंगली से काटना शुरू करके पांव के अंगूठे तक नाख़ून तराश लें और फिर बाये पांव के अंगूठे से काटना शुरू करके छोटी उंगली तक तराशें |
नाख़ून काटने के फायदे –
हुजुर पाक (स०अ०) की सुन्नत और तरीक़े पर अमल करने में हमारा ही फायदा है और एक सुन्नत को जिंदा करना 100 शहीदों के बराबर अज्र व सवाब हैं अगर ना करें तो नुक्सान ही नुक्सान है |
जुमे के दिन नाख़ून तराशने वाला अगले 10 दिन तक उसकी बरकतें पाता है | बहुत सारी बिमारियों से बचा रहता है और हाथों की उंगलियाँ अच्छी दिखाई देती है |
नाख़ून ना काटने के नुक्सानात –
(1) एक तो सबसे बड़ा नुक्सान ये है के एक हमारे प्यारे नबी (स०अ०) सुन्नत को छोड़ रहा है |
(2) नाख़ून ज़रासीम (bacteria/virus) की पनाहगाह है, अगर वक़्त पर ना काटा जाये तो यही ज़रासीम पेट में जाकर नुक्सान पहुचाते हैं |
(3) आँतों के कीड़े और सुजन का सबब बनते हैं |
(4) ख़वातीन में आजकल नाख़ून बड़ा करने का आम रिवाज है, कई महीनो तक नाख़ून को बढाती हैं, जो सरासर नाजाएज़ और गुनाह है |
(5) नाख़ून बढाने से टाईफाइड, पेचिस वगैरह होने का ख़तरा होता है |
(6) एक रिसर्च से पता चलता है के ज्यादा दिनों तक नाख़ून का ना काटने से कोढ़ की बीमारी हो जाती है |
(7) नाख़ून का बड़ा होना तंगी ए रिज्क का सबब है |
(8) नाख़ून को चबाना नापसंदीदा अमल है इससे परहेज़ करनी चाहिए |
मसला –
अगर नाख़ून बड़ा हो जाये तो जुमे के दिन का इंतज़ार नही करनी चाहिए बलके उसी दिन तराशनी चाहिए |
मसला –
अगर क़ुरबानी किसी शख्स के नाम से हो तो चाहिए के क़ुरबानी होने तक अपने नाख़ून न तराशे |
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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