Huzur s.a.w ke khawaab mein 4 Gunaahon ka Zikr
بِسمِ اللہِ الرَّحمٰنِ الرَّحِيم
” शुरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “
सबक़ आमोज़ वाकिया –
प्यारे रसूल (स०अ०) की आदत थी कि फज़र की नमाज़ पढ़कर अपने साथियों की तरफ़ रुख करते और फरमाते कि तुम में से रात को किसी ने कोई सपना तो नहीं देखा ? अगर कोई देखता तो बता दिया करता था | आप उसका कुछ फल बता दिया करते थे | आदत के मुताबिक एक बार सबसे पूछा कि किसी ने कोई सपना देखा है ? सभी ने कहा, नहीं देखा |
आपने फ़रमाया – मैंने आज रात एक सपना देखा है कि दो आदमी मेरे पास आये और मेरा हाथ पकड़ कर मुझ को एक पाक ज़मीन पर ले चले |
पहले आदमी को अज़ाब –
देखता हु कि एक आदमी बैठा हुआ है और दूसरा खड़ा है और उसके हाथ में लोहे का जंबुर है, इस बैठे हुए के कल्ले को उससे चीर रहा है, यहाँ तक कि गुद्दी तक जा पहुंचा है, फिर दुसरे के साथ भी यही मामला कर रहा है और फिर वह कल्ला उसका दुरुस्त हो जाता है, फिर उसके साथ एसा ही करता है | मैंने पूछा, यह बात क्या है ? वे दोनों आदमी बोले आगे चलो |
दुसरे आदमी को अज़ाब –
हम आगे चले, यहाँ तक कि एक एसा शख्स पर गुज़र हुआ, जो लेटा हुआ है और उसके सिर पर एक आदमी बड़ा भरी पत्थर लिए हुए खड़ा है | उससे उसका सिर बड़े ज़ोर से फोड़ता है | जब वह पत्थर उसके सिर पर दे मारता है, पत्थर लुढ़क कर दूर जा गिरता है | जब वह उसको उठाने के लिए जाता है तो लौटकर उसके पास आने नहीं पाता कि उसका सिर फिर से अच्छा – भला हो जाता है और फिर वह उसको उसी तरह फोड़ता है | मैंने पूछा, यह क्या है ? वे दोनों बोले आगे चलो |
तीसरे मर्द और औरत को अज़ाब –
हम आगे चले, यहाँ तक कि हम एक गुफा में पहुंचे जो तनूर जैसा था, नीचे से कुशादा और उपर से तंग | उसमे आग जल रही है और उसमे नंगे मर्द और औरत भरे हुए हैं | जिस वक़्त वह आग उपर को उठती है उसके साथ ही वे सब उठ जातें हैं | यहाँ तक कि निकलने के क़रीब हो जाते हैं | फिर जिस वक़्त बैठती है, वे भी नीचे चले जातें हैं | मैंने पूछा, यह क्या है ? वे दोनों बोले, आगे चलो |
चौथे शख्स को अज़ाब –
हम आगे चले, यहाँ तक कि एक खून की नहर पर पहुंचे | उसके बीच में एक आदमी खड़ा है और नहर के किनारे एक आदमी खड़ा है और उसके सामने बहुत से पत्थर पड़े हैं | वह नहर के अन्दर वाला आदमी, नहर के किनारे तरफ आता है | जिस वक़्त निकलना चाहता है, किनारे वाला आदमी उसके मुह पर एक पत्थर इस ज़ोर से मारता है कि वह अपनी पहली जगह पर जा पहुँचता है | फिर जब कभी वह निकलना चाहता है, उसी तरह पत्थर मार कर उसे हटा देता है | मैंने पूछा, यह क्या है ? वे बोले आगे चलो |
हम आगे चले , यहाँ तक कि एक हरे बाग़ में जा पहुचे | उसमे एक बड़ा पेड़ है और उसके निचे एक बुढा आदमी और बहुत से बच्चे बैठे हैं और पेड़ के क़रीब एक और आदमी बैठा हुआ है | उसके सामने आग जल रही है और वह उसको धौंक रहा है | फिर वे दोनों मुझको चढ़ाकर पेड़ के उपर ले गए और एक घर पेड़ के बीच में बहुत खुबसूरत सा बन रहा था, उसमे ले गए, मैंने एसा घर कभी नही देखा था | उसमे मर्द, बूढ़े, जवान और औरत – बच्चे बहुत से थे | फिर उससे बाहर लाकर और उपर ले गए | वहां एक घर पहले घर से भी अच्छा था | उसमे ले गए | उसमे बूढ़े और नौजवान थे |
अज़ाब की वजह –
मैंने उन दोनों आदमियों से कहा कि – तुम मुझको तमाम रात फिराया | अब बताओ ये सब क्या भेद है ?
उन्होंने कहा कि – वो आदमी, जो तुमने देखा था कि उसके कल्ले चीरे जाते थे, वह आदमी झूठा है, झूठ बातें करता था और वे बातें पूरी दुनिया में मशहूर हो जातीं थीं | उसके साथ क़यामत तक यूं ही करते रहेंगे |
जिसका सिर फोड़ते हुए देखा, वह एसा आदमी है कि अल्लाह तआला ने उसको कुरआन का इल्म दिया, वह रात को उससे गाफिल होकर सो रहा और दिन को उसपर अमल ना किया | क़यामत तक उसके साथ यही मामला रहेगा |
जिसको तुमने आग के खो में देखा, वह जिना करने वाले लोग हैं और जिसको खून की नहर में देखा, वह सूद (ब्याज ) खाने वाला है |
पेड़ के नीचे जो बूढ़े से थे, वह हज़रत इब्राहिम (अ०स०) थें और उनके आस – पास जो बच्चे देखे, वह लोगों की ना-बालिग़ औलाद हैं | और जो आग धौंक रहा है वह दोजख का दरोगा मालिक है और पहला घर, जिस में आप दाखिल हुए, मुसलमानों का है और यह दूसरा घर शहीदों का है और मैं जिब्रील हूँ और ये मीकाईल हैं |
फिर बोले, सिर उपर उठाओ | मैंने सिर उठाया, तो मेरे उपर एक सफ़ेद बादल देख पड़ा,बोले यह तुम्हारा घर है | मैंने कहा, मुझे छोड़ो, मैं अपने घर में दाखिल हो जाऊ | बोले, अभी तुम्हारी उमर बाक़ी है, पूरी नहीं हुई | अगर पूरी हो चुकती, तो अहि चले जाते |
खुलासा –
जानना चाहिए कि नबियों का सपना वहिह होता है |
ये तमाम घटनाएं सच्ची हैं | इस हदीस से कई चीजें मालूम हुई –
(1) झूठ की सज़ा कैसी है
(2) आलिम, बगैर अमल के बारे में
(3) जिना के बारे में
(4) सूद के बारे
अल्लाह सब मुसलमानों को इन बुरे कामों से बचाए – अमीन
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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दुआ की गुज़ारिश
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