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Islamic Quotes in hindi - इस्लामिक किमती बातें हिंदी में

हमारे प्यारे नबी करीम (स०अ०) के एक हदीस का मफुम है के आप (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया-

इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द औरत पर फ़र्ज़ है,इल्म हासिल करो चाहे मुल्के चीन ही क्यों ना जानी पड़े,इसका खुलासा ये है के रोजाना के कुछ हदीस या कुरान मजीद को पढ़ना या सीखना ज़रूरी और फ़र्ज़ है|

इसी मकसद के तकमील के लिए (Islamic Quotes ) में चंद क़ीमती बातें  (Part – 1)  में हदीस और कुरान की रौशनी में हैं,पेश की जा रही हैं,

लिहाज़ा इस क़ीमती बातों को पढ़े और याद  करें,क्युकि इर्शदे नबवी (स०अ०) है के जो 40 हदीसें याद कर लेता है तो वह जन्नत में दाखिल होगा |

 

IslamicQuotes (Part – 1)

 

1.

जो शख्स चोरी का माल ख़रीदे और उसे मालूम हो के वह चोरी का है

तो वह उसकी बुराई और गुनाह में शरीक है |

2.

नबी करीम (स०अ०) फरमाते हैं के मेरे बाद मुझे तुम लोगों के बारे में जिस चीज़ का सबसे ज्यादा डर है

वह दुनिया का बनाओ सिंगार है,जो तुम पर खोल दिया जायेगा|

3.

यह बहुत ही बड़ी खयानत है के तुम अपने भाई से कोई झूठी बात

बयान करो,और वह तुम को उस बात में सच्चा समझता हो|

4.

जो शख्स लोगों का शुक्र अदा न करे,वह अल्लाह का भी शुक्र

अदा करने वाला नही हो सकता |

5.

जो शख्स अपने भाई से बेची हुई चीज़ को (वापस करने पर) वापस 

ले ले,तो क़यामत के दिन अल्लाह पाक उसके गुनाह माफ़ कर देगा |

6.

जो शख्स मौत को याद करता रहेगा ,

वो नेक कामों में जल्दी करेगा

7.

अल्लाह तआला उस बन्दे पर रहम फरमाए,जो बेचे तो नरमी और दरगुज़र का 

मामला करे, ख़रीदे तो नरमी और दरगुज़र का मामला करे |

8.

अल्लाह तआला  फरमाता है जिसने पानी का कुआं खुदवाया और उससे किसी प्यासे परिंदे जिन्न या इंसान

ने पानी पिया तो कयामत के दिन अल्लाह तआला उसको सवाब अता फरमाएगा

 

9.
अल्लाह ताला अपने रहम दिल बंदों पर ही रहम करते हैं।
10.
हर गुनाह से बचो क्योंकि गुनाह की वजह से अल्लाह तआला का गुस्सा नाजिल होता है।

11.
हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने मुझे वसीयत फरमाई कि मैं दुनिया के बारे में अपने से ज्यादा

हैसियत वालों की तरफ ना देखूं और अपने से कम दर्जे वाले की तरफ देखूं।

12.
जो शख्स कोई ऐबदार (नुकसान वाली चीज) उसका ऐब (नुकसान) बताएं बगैर बेचेगा, वह बराबर अल्लाह की नाराजगी में रहेगा।
13.
अल्लाह की कसम ! वह आदमी कामिल ईमान वाला नहीं हो सकता जिसका पड़ोसी उसकी शरारतों से महफूज ना हो।
14.
इल्म की फजीलत इबादत के फजीलत से बेहतर है।

15.
तुम रहमान (अल्लाह) की इबादत करो और लोगों को खाना खिलाओ

और सलाम को आम करो, तुम जन्नत में सलामती के साथ दाखिल हो जाओगे।

16.
इंसान के कदम कयामत के दिन अल्लाह के सामने से उस वक्त तक नहीं हटेंगे

जब तक के  उसके इल्म के बारे में सवाल ना कर लिया जाए के उसके मुताबिक क्या अमल किया।

17.
उस वलिमे का खाना सबसे बुरा है जिसमें सिर्फ दौलतमंद बुलाया जाए और गरीब को दावत ना दी जाए।
18.
कयामत के दिन मोमिन के तराजू में अच्छे अखलाक से भारी कोई चीज ना होगी।

19.
जिसने हलाल रोज़ी खाई और सुन्नत के मुताबिक अमल किया

और लोग उसके ज़ुल्म से महफूज रहे, तो वह जन्नत में दाखिल होगा।

20.
रिश्तेदारी तोड़ने वाला जन्नत में दाखिल नहीं होगा।

21.
अगर किसी के घर जाओ तो अंदर दाखिल होने से पहले 3 मर्तबा इजाजत मांगो,

अगर इजाजत मिल जाए तो ठीक है, वरना वापस लौट जाओ।

22.
जो शख्स सुबह सवेरे 7 अजवा खजूरें खा ले उस दिन ना तो उसे जहर से नुकसान होगा,

ना उस पर जादू का असर होगा।

23.
चार चीजें  तमाम नबियों की सुन्नत है – (1) हया  करना,(2). खुशबू लगाना,(3) मिस्वाक करना और (4)निकाह करना।

24.
पहलवान वह नहीं जो सामने वाले को गिरा दे बलके पहलवान हकीकत में वह है

जो गुस्से के वक्त अपने नफ्स पर काबू रखें।

25.
जिससे किसी मामले में मशवरा किया जाए,वह उसमें अमीर (अमनातदार) है।
26.
आदमी का जान बूझकर सूद का एक दिरहम खाना, 36 मर्तबा ज़ीना करने से ज्यादा सख्त गुनाह है।

27.
मां बाप की नाफरमानी के अलावा जिस गुनाह की सजा को अल्लाह चाहे तो कयामत के दिन तक मोअख्खर कर देता है

मगर मां बाप की नाफरमानी की सजा मौत से पहले दुनिया ही में चखा देता है।

28.
नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम फरमाते हैं – ऎ लोगों! अल्लाह से तौबा

किया करो क्योंकि मैं गुनाह ना होने के बावजूद दिन में 100 मर्तबा तौबा करता हूं।

29.
तुम जहां कहीं रहो, अल्लाह से डरते रहो।
30.
मोमिन की तबीयत व फितरत में हर आदत हो सकती है सिवाय खयानत और झूठ के।

 

अल्लाह अमल की तौफीक अता फरमाए – अमीन

दीन की सही मालूमात  कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)

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